पंच परमेष्टि हैं सार

पंच परमेष्टि है सारए
बाकी सब कुछ असार है
अरिहन्त देव सर्वज्ञ कहलायेए
राग और द्वेष से जो पार।। १।। बाकी…
सिद्ध परमात्मा मोक्ष में बिराजेए
सुखों का नहीं पारावार।। २।। बाकी…
आचार्य भगवान नायक समान हैए
पाले पलावे आचार।। ३।। बाकी…
उपाध्यायजी ज्ञान सिखावेए
शास्त्रों के है जानकार।। ४।। बाकी…
साधु.सताईस गुणों से सोहेए
वन्दन उन्हें बारम्बार।। ५।। बाकी…
वन्दन करे हम ऐसे प्रभु कोए
वन्दन करे हम ऐसे गुरु को वे ही करेंगे भवपार।। ६।। बाकी…
दुनिया की शांति शांति नही हैए धर्म में शांति अपार।। ७।। बाकी…